Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर्व के तहत विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के पट गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 2.30 बजे खोल दिए जाएंगे। इसके बाद से भक्तों को लगातार 44 घंटे भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। इस दौरान गर्भगृह में भगवान के अभिषेक-पूजन का क्रम सतत जारी रहेगा। 9 मार्च को शयन आरती पश्चात रात 11 बजे मंदिर के पट पुन: बंद होंगे।
पट खुलने के बाद भस्म आरती होगी : मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि गुरुवार रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भस्म आरती होगी। शुक्रवार सुबह 7.30 बजे बालभोग (दद्योदक) तथा सुबह 10.30 बजे भोग आरती होगी। दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजन होगा। अपराह्न 4 बजे होलकर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजा की जाएगी। शाम 7.30 बजे संध्या आरती में भगवान को गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा। शाम 7 बजे से कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित भगवान श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की महापूजा शुरू होगी।
अभिषेक-पूजन कर सप्त धान अर्पित होगा : पुजारी कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन कर सप्त धान अर्पित करेंगे। उसके बाद पुष्प मुकुट सजाकर आरती की जाएगी। इसके बाद रात 11 बजे से गर्भगृह में महानिशा काल में महाकाल की महापूजा शुरू होगी, जो अगले दिन 9 मार्च को सुबह 6 बजे तक चलेगी। इस दौरान भगवान महाकाल पंचामृत, फलों के रस, गुलाब जल, भांग आदि से अभिषेक-पूजन किया जाएगा।
सवा मन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा : भगवान को सप्तधान अर्पित उनके शीश सवा मन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। सोने-चांदी के आभूषणों से भगवान का श्रृंगार होगा। भगवान पर चांदी का सिक्का व बिल्व पत्र न्योछावर किया जाएगा।
भगवान को फलों का भोग लगाकर आरती की जाएगी। सेहरा दर्शन के उपरांत साल में 1 बार दिन में दोपहर 12 बजे होने वाली भस्म आरती होगी। भस्म आरती के बाद भोग आरती होगी और शिवनवरात्र का पारणा होगा। रात 10.30 बजे शयन आरती के बाद रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होंगे। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर्व संपन्न होगा।