खबर पर मोहर: कमला नेहरू अस्पताल में आग की घटना आपराधिक लापरवाही, बोले शिवराज,दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में फिर से फायर सेफ्टी का ऑडिट करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है,दूसरी कोई और घटना न घटे, हमें इसकी चिंता करनी है। कुछ व्यवस्थागत परिवर्तन और आवश्यकताएं हैं,उसे किया जायेगा,ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि “कमला नेहरू अस्पताल में घटी इस दुर्भाग्यूपर्ण घटना में कुछ लोगों तथा डॉक्टर्स, नर्स, वॉर्ड बॉय ने अपनी जान हथेली पर रखकर 36 नौनिहालों को बचाने का काम किया। मैं उनको धन्यवाद देता हूं। बच्चों की जिंदगी बचाने वालों को सम्मानित किया जायेगा”।
इसके साथ ही प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में स्थित कमला नेहरू अस्पताल ने पिछले 15 सालों से फायर एनओसी लेने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके साथ 8 मंजिला कमला नहेरू अस्पताल में आग के साथ किसी भी आपात स्थिति में बचाव के लिए कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। अस्पताल के हर फ्लोर पर लगे फायर एक्सटींग्यूर काम नहीं कर रहे थे।
कमला नेहरु अस्पताल भोपाल गैस पीड़ितों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल है और यहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचते है। अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि अस्पताल में दाखिल होने का एक मात्र रास्ता है जो काफी संकरा है, इसके साथ सीढ़ियों पर बड़ी संख्या में इलाज के लिए भर्ती मरीज के परिजन रहते है। इसके साथ यहां ओपीडी के पर्चे बनवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगती है।