भोपाल। पुलिस विभाग में कितनी अंधेरगर्दी है, यह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल देखने को मिला, जब गैंगरेप की शिकार एक लड़की को एफआईआर के लिए घंटों इधर से उधर भटकना पड़ा। पीड़िता एक पुलिसकर्मी की बेटी है।
पीड़िता ने दिखाई बहादुरी, खुद ही आरोपी को धर दबोचा : प्राप्त जानकारी के अनुसार सामूहिक दुष्कर्म की शिकार छात्रा अपने पुलिसकर्मी माता-पिता के साथ रिपोर्ट लिखवाने थाने दर थाने भटकती रही। जब कोई मदद नहीं मिली तो पीड़िता अपनी मां के साथ दरिंदों को ढूंढने उनके संभावित ठिकानों पर जा पहुंची। एक आरोपी को दोनों ने दबोच लिया और उसे दबोच लिया और घसीटते हुए थाने जा पहुंची।
इन अफसरों ने की लापरवाही: जब पीड़िता घटना के बाद रात को किसी तरह आरपीएफ हबीबगंज थाने पहुंची और फोन कर पिता को घटना की दी। पिता उसे घर ले गए और अगले दिन फिर एमपी नगर थाने लेकर आए। थाने पर सब इंस्पेक्टर रामनाथ टेकाम ने शिकायत दर्ज नहीं की और घटनास्थल देखने के बाद हबीबगंज थाने भेज दिया। यहां से भी पीड़िता को हबीबगंज जीआरपी थाने भेज दिया गया।
पुलिस मुख्यालय ने पीड़िता को तत्काल मदद नहीं करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच बैठा दी है। इस मामले में एमपी नगर थाने सब इंस्पेक्टर टेकाम व जीआरपी टीआई मोहित सक्सेना की लापरवाही सामने आई है।
तीन टीआई पर गिरी गाज: इस मामले में सख्ती करते हुए सरकार ने तीन टाई तथा एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। एमपी नगर के सीएसपी कुलवंत सिंह को हटाकर पीएचक्यू में अटैच कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।