भोपाल। रीवा जिले के देवतालाब सीट के वरिष्ठ भाजपा विधायक गिरीश गौतम (67) सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए। इससे पहले जैसे ही सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू हुई, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौतम को अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और कृषि मंत्री कमल पटेल ने सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के नेता कमलनाथ ने इसका समर्थन किया।
इसके बाद विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा के अध्यक्ष के तौर पर गिरीश गौतम के निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की। विधानसभा के सदस्यों ने गौतम को अध्यक्ष चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं और परंपरा अनुसार नेता पक्ष शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और अन्य विधायक, गौतम को सम्मानपूर्वक अध्यक्ष की आसंदी तक ले गए। इससे पहले विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कोविड-19 की स्थितियों के चलते सामयिक अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने (शर्मा) सबसे लंबे समय तक काम किया है। मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष के तौर पर शर्मा का कार्यकाल करीब 8 माह का रहा, जो कि एक रिकॉर्ड है।
चौहान और कमलनाथ दोनों ने विधानसभा का अध्यक्ष चुने जाने पर गौतम को बधाई और शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे सदन का कामकाज विधानसभा की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं के आधार पर संचालित करेंगे। चौहान ने कहा कि गौतम शुरू से ही जमीन से जुड़े नेता रहे हैं। उन्होंने गरीबों और दलितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गौतम सर्वसम्मति से विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं और उम्मीद है कि वे विधानसभा की परंपराओं के अनुसार सदन का संचालन करेंगें। इस मौके पर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद गौतम ने कहा कि वे निष्पक्ष तौर पर सदन का संचालन करेंगे और अब मैं न तो सत्तापक्ष और न ही विपक्ष का हूं, मैं सदन की कार्यवाही निष्पक्ष तौर पर संचालित करूंगा।
गौतम पहली बार वर्ष 2003 में रीवा जिले की मनगवां सीट से विधायक बने थे। तब उन्होंने विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को हराया था। इसके बाद वे वर्ष 2008, 2013 एवं 2018 में देवतालाब से विधायक बने। इस प्रकार वे लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। छात्रकाल से राजनीति में सक्रिय रहे गौतम एक जुझारू नेता हैं और उन्होंने किसानों एवं मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष भी किया।
रीवा प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में आता है और इस क्षेत्र से 17 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष बना है। इससे पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक इस पद पर रह चुके हैं। मालूम हो कि 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 126 विधायक हैं जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 96, बसपा के 2, सपा का 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। वहीं कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी द्वारा 25 अक्टूबर 2020 को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने से फिलहाल विधानसभा में दमोह सीट खाली है। (भाषा)