भोपाल। मध्यप्रदेश में भीड़ द्वारा अन्य कारणों से दुष्प्रेरित होकर की जाने वाली हिंसात्मक घटनाओं पर तुरंत कठोर कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश में मॉब लिंचिंग अथवा मॉब वॉयलेंस की घटनाओं को भारतीय दण्ड विधान संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता में अपराध माना जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उच्चतम न्यायालय से मॉब लिंचिंग और हिंसा को रोकने के संबंध में मिले दिशा-निर्देश पर प्रदेश शासन ने मॉब लिंचिंग के प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए जिलों में पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
उप पुलिस अधीक्षक नोडल अधिकारी जिले में मॉब वॉयलेंस और मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने और उन पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए उत्तरदायी होगा। सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, किसी व्यक्ति अथवा समूह द्वारा किसी भी प्रकार का भ्रामक संदेश, वीडियो और अफवाह आदि फैलाने पर संबंधितों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अफवाहों को लेकर भीड़ द्वारा हिंसा करने की सूचना अथवा हिंसा करने की प्रवृत्ति वाली गैर कानूनी भीड़ पर हिंसात्मक घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यकतानुसार प्रभावी बल का प्रयोग किया जाएगा। गैर कानूनी जमाव पर धारा-129 अथवा अन्य वैधानिक प्रावधानों में कठोर कार्रवाई की जाएगी। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ितों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाने की कार्यवाही भी की जा रही है। (वार्ता)