पिछले 10 साल की तरह इस बार भी जनक पलटा मगिलिगन ने सनावदिया स्थित जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर प्राकृतिक रंग बनाने का प्रशिक्षण दिया।
उन्होंने एक वीडियो की मदद से घर पर ही सरल तरीके से होली के रंग बनाने की विधियां बताईं। उन्होंने अपने वीडियो में कहा कि करोना के चलते हम इस साल होली के रंगों से होली नहीं मना सकते, लेकिन अपने घर परिवार के बीच ही प्राकृतिक रंगों के साथ तो मना ही सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह ईश्वर से प्रेम का त्यौहार है, भगवान कृष्ण भी अपनी सखियों के साथ होली खेलते थे। इस प्रेम के त्यौहार को बहुत ही प्रेम, हर्ष और उल्लास से मनाना चाहिए साथ ही हमें अपने शरीर से भी प्रेम और पर्यावरण से भी प्रेम करना चाहिए।
जब हम लोग प्राकृतिक रंग लगाते हैं या बनाते हैं उसी समय हमें खुशी और उल्लास होता है। जनक दीदी ने जनता से निवेदन करते हुए कहा आप लोग अपने परिवार के साथ ही होली का त्यौहार मनाए।
उन्होंने फूलों, सब्जियों और फल, नारंगी के छिलके पोई, टेसू, अंबाडी से गीला व सूखा रंग एवं गुलाब की पत्तियां और बोगनविलिया के फूलों का गुलाल बेहद सरल तरीके से बनाना सिखाया।
ऐसे रंग बनाने का न तो कोई खर्चा है और न ही यह त्वचा को कोई नुकसान देता है, बल्कि यह रंग जब आप धोएंगे तो आप पाएंगे कि आपके चेहरे पर ग्लो आ गया है। उन्होंने होली के मौके पर सभी को स्वस्थ और सुंदर होली की शुभकामनाएं दीं।