भोपाल। मिशन 2023 के फाइनल से पहले सेमीफाइनल माने जाने वाले नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर गुटबाजी भी सबसे सामने आ गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया कोर्डिनेटर और प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेंद्र सलूजा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। 2018 विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उनके मीडिया कोर्डिनेटर का काम संभाल रहे नरेंद्र सलूजा के इस्तीफा के पीछे पार्टी के अंदर की गुटबाजी बताई जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने नरेंद्र सलूजा का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनको पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया है।
कांग्रेस मीडिया विभाग की नई टीम से नाराजगी- बताया जा रहा है कि नरेंद्र सलूजा पिछले दिनों कांग्रेस की मीडिया विभाग की नई टीम से खुश नहीं थे और पिछले दस दिनों से अधिक समय से उन्होंने पार्टी से अपनी दूरी बना ली थी। मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेंद्र सलूजा पिछले कई दिनों से पीसीसी में आवंटित अपने कक्ष में नहीं बैठ रहे थे।
कमलनाथ के करीबी के तौर पर गिने जाने वाले नरेंद्र सलूजा जीतू पटवारी के बाद मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे थे। पिछले दिनों जब जीतू पटवारी को कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद से हटाया गया था तब सलूजा का नाम मीडिया अध्यक्ष की तौर पर सबसे आगे था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से बनाई गई नई मीडिया टीम में इंदौर से आने वाले केके मिश्रा को मीडिया विभाग के अध्य़क्ष पद की जिम्मेदारी दे दी गई थी और नरेद्र सलूजा को उपाध्यक्ष पद पर बरकरार रखा गया था। बताया जा रहा कि मीडिया अध्यक्ष न बन पाने के चलते नरेंद्र सलूजा पार्टी से नाराज चल रहे थे और उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया था।
नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ को भेजे अपने त्यागपत्र में लिखा था कि “मेरी कांग्रेस और आपके प्रति पिछले 30 साल की निष्ठा, ईमानदारी व कार्यों का मुझे बहुत ही अच्छा इनाम आपने इस सूची में उल्लेखित कर दिया है। मेरा किसी को भी दी गई किसी भी जवाबदारी पर कोई विरोध नहीं है। मैं आपके द्वारा दी गई किसी भी जवाबदारी का निर्वहन करने में असमर्थ हूं और आपके द्वारा सौंपी सभी जिम्मेदारियों व कांग्रेस के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहा हूं”।