भोपाल। उपचुनाव के नतीजों से पहले ही शिवराज कैबिनेट में सिंधिया समर्थक दो दिग्गज मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को अपने पद से आज इस्तीफा देना पड़ सकता है। बीते मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले दोनों ही सीनियर नेताओं ने 21 अप्रैल को शिवराज कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली थी।
संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है और मंत्री पद की शपथ लेता है तो उसको शपथ लेने के छह महीने के अंदर सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है। ऐसे में आज दोनों ही नेताओं को मंत्री बने छह महीने का समय पूरा हो रहा है और उन पर मंत्री पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। ALSO READ: मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव : 28 विधानसभा क्षेत्रों में 355 प्रत्याशी मैदान में
दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से दोनों ही मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। गौरतलब हैं कि सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट से और गोविंद सिंह राजपूत सागर की सुरखी सीट से उपचुनाव लड़ रहे है।
ऐसे में अगर दोनों ही मंत्री इस्तीफा देते हैं कि तो फिर से उनके मंत्री पद की शपथ लेने पर भी संकट आएगा क्योंकि दोनों ही नेता उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में है। ऐसे में उम्मीदवारों को मंत्री पद की शपथ दिलाना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे में आज सबकी निगाहें राजभवन की ओर टिक गई है।