भोपाल। भाजपा में आने के बाद क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रदेश की सियासत में क्रेज कम हो गया है? क्या सिंधिया अब चुनावी रैलियों में भीड़ नहीं जुटा पा रहे है? क्या भाजपा में शिवराज सिंधिया पर भारी पड़ गए है ? ये कुछ ऐसे सवाल है जो आज प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा के केंद्र में है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जो ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में चुनाव अभियान समिति के प्रमुख और सबसे बड़े स्टार प्रचारक थे वह सिंधिया अब भाजपा की स्टार प्रचारकों की सूची में 10 वें नंबर पर है। ऐसा तब है कि जब सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल में सबसे अधिक (16 सीटों) पर उपचुनाव हो रहा है।
प्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया को सबसे पॉपुलर चेहरा माना जाता है। सिंधिया की चुनावी रैली में बड़ी संख्या में लोगों का जुटना अक्सर देखा गया है। उन्हीं सिंधिया के अब भाजपा में आने के बाद स्टार प्रचारकों की सूची में 10 वें नंबर पर होने पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का एक भी समर्थक शामिल नहीं,खुद सिंधिया का नाम 10 वें नंबर पर।
विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए भाजपा ने 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश प्रभारी विनय सहस़्त्रबुद्धे, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती समेत कई नाम शामिल है।