भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य अपना 30 प्रतिशत वेतन कोविड-19 सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराएंगे। चौहान ने शुक्रवार को मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई बैठक के बाद ट्वीट किया, कोविड-19 से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों से उबरने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
चौहान ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री के रूप में (23 मार्च को) शपथ ग्रहण करने से लेकर 31 जुलाई 2020 तक अपने वेतन, सत्कार भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते का 30 प्रतिशत मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया है। उन्होंने कहा, कोविड-19 राहत कार्यों के लिए मैं 30 सितंबर 2020 तक अपने वेतन एवं दोनों भत्तों की 30 प्रतिशत राशि को भी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवा रहा हूं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सभी मंत्रियों ने तय किया है कि वे अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा राहत कोष में सहयोग कर इस लड़ाई को मजबूती प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायक साथियों से अनुरोध किया है कि वे भी अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा कोविड-19 के खिलाफ अभियान में मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करें।
चौहान ने कहा, हमारा लक्ष्य होगा : 'संकल्प की चेन जोड़ो, संक्रमण की चेन तोड़ो।उन्होंने कहा कि इस अवधि में मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करेंगे। इस अवधि में विकास कार्यों से जुड़े शिलान्यास, भूमि पूजन, लोकार्पण के सार्वजनिक कार्यक्रम भी प्रतिबंधित रहेंगे। इन कार्यक्रमों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजन किया जा सकता है।
चौहान ने कहा कि इस अवधि में राजनीतिक रैली भी प्रतिबंधित रहेंगी, इनका आयोजन भी वर्चुअल मोड में किया जाए। उन्होंने कहा कि इसी के साथ प्रदेश के 22 जिलों में जिला खनिज निधि में आने वाले प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रुपए के कोष की एक तिहाई राशि इन जिलों में कोरोनावायरस संबंधी कार्यों और गरीबों के लिए रोजगार मूलक कार्यों में खर्च की जा सकेगी। (भाषा)