असल में, डैम का जलस्तर सोमवार की शाम 6 बजे तक 418.50 मीटर तक पहुंच गया था। डैम का अधिकतम जलस्तर 422.76 मीटर है। डैम से फिलहाल जल विद्युत उत्पादन सयंत्रों के माध्यम से 3 हजार 710 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है। 8 से 14 नंबर तक 7 गेटों को औसतन 1.21 मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है। इन गेटों से 49 हजार 265 और जलविद्युत उत्पादन इकाइयों से 3 हजार 710 क्यूबिक फीट तथा कुल मिलाकर प्रति सेकंड 52 हजार 975 क्यूबिक फीट पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा रहा है।
रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे के अनुसार डैम के गेट खोलने की सूचना निचले क्षेत्रों से संबंधित सभी जिलों को दी जा चुकी है। उन्होंने निचले क्षेत्र के रहवासियों से सतर्क रहने और डूब क्षेत्रों में प्रवेश न करने की अपील की है। सूरे ने बताया कि वर्षा की स्थिति और डैम में पानी की आवक को देखते हुए डैम से पानी छोड़ने की मात्रा को कभी भी घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।
कार्यपालन यंत्री के अनुसार बरगी डैम से पानी छोड़े जाने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है। इनमे जबलपुर, सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, देवास, सिहोर, खंडवा और खरगौन जिले के तटवर्ती क्षेत्र शामिल हैं।
जिले के ग्वारीघाट, तिलवारा घाट, भेड़ाघाट, सरस्वती घाट में नदी का जलस्तर अभी से बढ़ने लगा है। मंगलवार की शाम गेट खोले जाने के 6 घंटे के भीतर नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ेगा। क्योंकि बांध से नदी के आगे वाले क्षेत्रों तक प्रवाह पहुंचने में 4 से 6 घंटे के समय लग जाता है।
मौसम विभाग ने मंगलवार रात श्योपुर, भिंड, दतिया, ग्वालियर, पन्ना, डिंडोरी, अनूपपुर, रीवा, सतना, मंडला, बालाघाट, नीमच मंदसौर, आगर, उज्जैन, शाजापुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।