भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबी खींचतान के बाद आखिरकार गुरुवार को शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का एलान कर दिया हैं। राजधानी भोपाल में किल कोरोना अभियान की शुरूआत करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज महामहिम राज्यपाल शपथ ग्रहण करेगी कल मंत्रिमंडल शपथ ले लेगा।
वहीं मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जारी मंथन के सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कहा कि मंथन से अमृत ही निकलता हैं, विष तो शिव पी जाते है। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सीएम शिवराज के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस बयान के बाद साफ संकेत हैं कि इस बार शिवराज मंत्रिमंडल से कई बड़े चेहरे नदारद दिख सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि इतना तो अब तय हो चुका हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में पार्टी के अंदर नई पीढ़ी के नेताओं को आगे लाने जा रहा है, इसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार में कई बड़े चेहरे बाहर दिख सकते हैं। भाजपा में पहले केंद्रीय स्तर पर बदलाव के बाद अब प्रदेश स्तर पर बड़े बदलाव की बारी हैं और इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार से होने जा रही है।
2018 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कई बड़े चेहरे हार गए थे वहीं पहली बार विधायक चुने गए नेताओं की संख्या रीब 70-80 के बीच थी। ऐसे में अब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पहली बार चुने गए विधायकों को सरकार में शामिल कर लंबे समय तक मंत्री रहे चुके विधायकों को संगठन में लाने की रणनीति पर काम कर रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार ने वरिष्ठ नेताओं के नहीं शामिल होने पर पार्टी के अंदर नाराजगी के सवाल पर शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि भाजपा के अंदर संगठन लेवल पर इसका मैकेनिज्म तैयार कर लिया गया है और उनको अन्य पदों पर बैठाकर संतुष्ट करने की कोशिश की जाएगी।