कार्यक्रम में कुलपति ने मानव सभ्यता के इतिहास में शांति और अहिंसा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युद्ध का परिणाम अंततः मौत ही है। इससे मानवता की हत्या होती है। उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि हमारे धर्म की इसी उद्दात भावना का प्रतीक महात्मा गांधी और माखनलाल दादा हैं। हमें दुनिया को अहिंसा और प्रेम के रास्ते पर ही मानवता को आगे ले जाना होगा, यही माखनलाल जी का संदेश है।
समारोह में विश्वविद्यालय के रेक्टर डॉ श्रीकांत सिंह, रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल, परीक्षा नियंत्रक राजेश पाठक भी शामिल हुए। संकल्प संस्था के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने समारोह में हिस्सा लिया।