भोपाल। मध्यप्रदेश में बारिश और बाढ़ के कारण चंबल संभाग के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए है। मंदसौर में गांधी सागर और राजस्थान के कोटा और कालीसिंध बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से चंबल संभाग के मुरैना, भिण्ड और श्योपुर के लगभग 100 से अधिक गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। बांध से पानी छोड़े जाने से चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मुरैना, भिंड और श्योपुर में बाढ़ से प्रभावित और बाढ़ की आंशका के चलते 7 हजार से अधिक लोगों को राहत कैंम्पों में शिफ्ट किया गया है। वहीं वायुसेना के हेलिकॉप्टरों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार रखा गया है।
राजस्थान के कोटा और कालीसिंध डैम से पानी छोड़े जाने से श्योपुर जिले में चंबल और पार्वती नदी में बाढ़ आ गई है। जिसके चलते 6 हजार से अधिक लोगों को ऊंचे स्थानों पर विस्थापित किया गया है। वहीं भिंड में चंबल नदी खतरे के निशान से सात मीटर उपर बह रही है जिसके चलते 15 गांव बाढ़ से प्रभावित है।
मुरैना में पार्वती नदी खतरे के निशान से 8 मीटर उपर बह रही है। जिसके चलते 44 गांवों के लोगों को शिफ्ट किया गया है। मुरैना में NDRF की चार और SDERF की चार टीमें रेस्क्यू ऑपेशन में जुटी है। मुरैना में राजघाट पर चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर पहुंच गया है। चंबल में आई बाढ़ के कारण मुरैना के सबलगढ़, जौरा, अंबाह-पोरसा सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए है।
चंबल संभाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे। मुख्यमंत्री मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अम्बाह तहसील के समीप ग्राम कुथियाना पहुँचे और राहत कैम्पों में रह रहे लोगों से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने राहत कैम्पों में रह रहे लोगों को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पूरी सरकार और वो खुद संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर पर सरकार की लगातार नजर बनी हुई है। निचले इलाकों में रहने वाले इलाकों को ऊंचे स्थान पर शिफ्ट किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है। संकट है, मुश्किल है और परेशानियाँ भी हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार उनको हर संभव मदद करेगी।
प्रभावित लोगों को राहत कैम्पों में लाकर उनकी सभी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। सभी प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराकर जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी। इसके साथ फसलों को हुए नुकसान का भी सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
मौसम विभाग का अलर्ट : वहीं मौसम विभाग ने बारिश को लेकर फिर अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश से सबसे अधिक प्रभावित भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में मौसम विभाग ने शुक्रवार से बारिश के एक और दौर का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने मालवा और निमाड़ संभाग में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है।