Mohan Cabinet Decision : 49 हजार से अधिक पद मंजूर, किसानों को राहत, जलकर माफ, मोहन कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले
बुधवार, 9 जुलाई 2025 (21:55 IST)
प्रदेश की राजधानी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में सरकार ने किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए कई अहम फैसले लिए है। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के लिए वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य आयोजना (Annual Plan of Operation) में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए 1478 करोड़ 38 लाख में से 1038 करोड़ रुपए के उपयोग की स्वीकृति दी गई। इस राशि का 80 प्रतिशत वन एवं वन्यप्राणी प्रबंधन एवं 20 प्रतिशत वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर व्यय किया जाता है।
स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश में विगत वर्षों के कार्यों के रखरखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन के लिए उनके जलग्रहण क्षेत्र के वनीकरण, मृदा एव जल संरक्षण के कार्य, ग्रामीणों की आजीविका के लिए ग्रामों की सीमा से लगे वनक्षेत्रों में बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन, बफर क्षेत्र सहित संरक्षित क्षेत्रों में रहवास का विकास, नगर वनों की स्थापना, वन एवं वन्यप्राणी संबंधी अधोसंरचना सुदृढीकरण और ग्रामीणों की क्षमता विकास से संबंधित कार्य किए जाएंगे।
66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद (मानसेवी), आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद (मानसेवी) तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 02 पद नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500 के सृजन की स्वीकृति दी गयी।
वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक योजना पर राशि का व्यय भारत सरकार द्वारा प्राप्त स्वीकृति के अनुसार किया जाएगा। उल्लेखित अवधि में योजना पर 15 करोड़ 21 लाख रुपए का व्यय अनुमानित है, जिसमें केन्द्रांश राशि 9 करोड़ 55 लाख रुपए एवं राज्यांश राशि 5 करोड़ 66 लाख रुपए है।
लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल के विकास के लिए अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन, हस्तांतरण (DBFOT) के आधार पर जन-निजी भागीदारी (PPP) के अंतर्गत होटल का विकास, संचालन एवं रखरखाव और प्रबंधन के लिए निजी निवेशक के पक्ष में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (MPSTDC)/ मध्यप्रदेश होटल कार्पोरेशन लिमिटेड (MPHCL) द्वारा निष्पादित की जाने वाली लीज पर भारित पंजीयन व मुद्रांक शुल्क की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग के विभागीय बजट से निजी निवेशक को किए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
विद्युत वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नवीन नियमित पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक सरंचना में सृजित किए जाने वाले 49 हजार 263 नवीन पद सहित कुल 77 हजार 298 पदों के संगठनात्मक संरचना की सृजन की स्वीकृति दी गई। नियमित पदों के सृजन के फलस्वरूप पूर्व स्वीकृत पदों में से 17 हजार 620 अनुपयोगी पद समाप्त किए गए हैं व डाइंग कैडर में 5650 पदों पर कार्यरत कार्मिकों के सेवानिवृत्ति और त्यागपत्र आदि के बाद ए पद भी समाप्त किए जाएंगे। कंपनियों द्वारा सीधी भर्ती के लिए पदों की गणना करते समय इन पदों को संज्ञान में रखा जाएगा।
विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा आधार पर कार्यरत कार्मिक, निर्धारित आयु सीमा के पूर्ण होने अथवा नियमित सीधी भर्ती के पद पर चयनित होने तक कार्य कर सकेंगे। कंपनियों द्वारा नियमित पदों पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना करते समय समकक्ष पद पर तत्समय कार्यरत संविदा कार्मिक की संख्या को घटाकर शेष रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की जा सकेगी। वितरण कंपनियों को संगठनात्मक संरचना के अनुरूप कार्मिकों की समय-समय पर भर्ती के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है।
ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है।
कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय-अनुसार यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि (सिंचाई जलकर) की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते है तो ब्याज की राशि माफ कर दी जाएगी। इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रुपए की ब्याज राशि शासन द्वारा माफ कर दी जाएगी। 31.3.2025 की स्थिति में कृषकों पर सिंचाई जलकर की अवशेष राशि 647 करोड़ 67 लाख रूपए बकाया है। जिसमे मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपए एवं ब्याज राशि 84 करोड़ 17 लाख रूपए है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 45 करोड़ 58 लाख रूपए, वर्ष 2023-34 में 36 करोड़ 98 लाख रूपए और वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपए का सिंचाई राजस्व मिला है।
3 नवीन राजस्व संभागों में क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना एवं चार नव गठित जिलों के लिए सात सहायक संचालक के पद निर्माण की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा संचालनालय, स्थानीय निधि संपरीक्षा के अन्तर्गत 3 नवीन राजस्व संभागों नर्मदापुरम, चम्बल एवं शहडोल में क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा खोलने एवं चार नवगठित जिलों निवाडी, मैहर, मऊगंज एवं पाढुर्णा के लिए सम्मिलित रूप से कुल 07 सहायक संचालक के पद के निर्माण की स्वीकृति दी है। यह निर्णय पंचायतराज संस्थाओं के लेखों की संपरीक्षा को नियत समय सीमा में पूर्ण करने और उत्तरोत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
विद्युत विकासकों के साथ पूर्व में मात्र वेरिएबल दर पर (5 या 10 प्रतिशत) विद्युत के क्रय के लिए निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंध को समाप्त किए जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा एमपीपीएमसीएल द्वारा प्रदेश में दीर्घकालीन ताप विद्युत क्रय हेतु जारी निविदा में इंगित विद्युत विकासकों अथवा उनकी पश्चातवर्ती कंपनी के साथ पूर्व में मात्र वेरिएबल दर पर (5 या 10 प्रतिशत) विद्युत के क्रय के लिए निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंध को समाप्त किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय अनुसार समस्त अनुबंधों के विकासकों से विद्युत क्रय अनुबंध अंतर्गत प्री-इस्टीमेटेड लिक्विडेटेड डेमेजेज (10 लाख रुपए प्रति मेगावाट) की राशि की वसूली की जाएगी। इस राशि के जमा होने के पश्चात ही विकासकों की जमा बैंक गारंटी 3 लाख रुपए प्रति मेगावाट वापस की जाएगी। उपरोक्त श्रेणी के विकासकों से समाप्त किए गए विद्युत क्रय अनुबंध अंतर्गत को भी विशेष रूप से समाप्त एवं निरस्त किया जाएगा।साथ ही ऐसे विकासक, जो अपनी ऊर्जा उत्पादन का, शतप्रतिशत एमपीपीएमसीएल को उपलब्ध नहीं कराएंगे, उन पर अनुबंध अनुसार यथावत लागू होंगे।
अन्य फैसले
मंत्रिपरिषद द्वारा भारतीय स्टांप (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2025 का अनुमोदन दिया गया है। अनुमोदन अनुसार मूल्य सूचकांक में परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में कतिपय संव्यवहारों पर देय शुल्क के संबंध में विशिष्ट प्रावधान किए जाएंगे। इससे लगभग 212 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।