भोपाल। मध्यप्रदेश में कई शहरों के कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद अब होली के त्योहार को लेकर प्रशासन सतर्कता बरत रह है। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार की ओर से रविवार का लॉकडाउन होने के चलते इस बार होलिका दहन सिर्फ संकेतिक रुप से हो सकेगा।
गृह विभाग की गाइडलाइन के बाद हिंदू उत्सव समिति ने होलिका उत्सव समितियों से कहा है कि वह 29 मार्च सोमवार को सुबह 6.15 बजे होलिका दहन कर सकते है। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश बेगवानी के मुताबिक ऐसा करने से होलिका दहन की परंपरा भी बनी रहेगी और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन भी कर सकेंगे। उन्होंने अपील की है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए दो से तीन लोग ही होलिकादहन करने जाए।
वहीं हिंदू उत्सव समिति की सोमवार सुबह होलिका दहन करने के प्रस्ताव को विरोध भी शुरु हो गया है। संस्कृति बचाओ मंच ने सोमवार सुबह होलिका दहन करने से इंकार करते हुए प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए रविवार रात 8 बजे संकेतिक रुप से होलिका दहन करने का फैसला किया है। संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा हिंदू उत्सव समिति ने बिना किसी चर्चा के होलिका दहन सुबह करने का निर्णय लिया है इसलिए संस्कृति बचाओ मंच इसका विरोध करेगा।
कोरोना गाइडलाइन का और शासन के आदेशों का पालन करते हुए सांकेतिक रूप से रात 8:00 बजे होलिका का दहन किया जाएगा जिससे कि हमारी मान्यता भी बनी रहे और किसी भी प्रकार से नियमों का उल्लंघन ना हो क्योंकि होलिका दहन का महत्व रात्रि का है इस कारण से समिति के गिने-चुने कार्यकर्ता सांकेतिक रूप से पूजन करके और होलिका का दहन करेंगे। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि होलिक दहन सिर्फ एक या दो लोग शामिल होंगे और बकायदा लोगों से अपील की जाएगी कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की जाएगी।