भोपाल। मध्यप्रदेश में 15 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी सरकार को मात देने के लिए कांग्रेस ने जो सक्सेस फॉर्मूला अपनाया था, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अब उसी फॉर्मूला के सहारे केंद्र में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने की तैयारी कर रहे है। केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी व्यूह रचना तैयार कर ली है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जिस तरह राहुल गांधी ने अलग-अलग मोर्चे पर पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी थी, उसी प्रकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अब राहुल गांधी ने बड़े-बड़े नेताओं को अलग-अलग मोर्चे पर जिम्मेदारी सौंपना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस में प्रियंका गांधी की एंट्री के साथ ही उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपना पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा है।
ठीक इसी तरह कांग्रेस सांसद और पार्टी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी फिर अपनी उसी रणनीति पर काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। राहुल भी अच्छी तरह जानते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार को हटाने के लिए कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जिस तरह राहुल ने कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए और सबको एक सूत्र में बांधने की जो जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंपी थी, वैसी ही जिम्मेदारी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने एक बार फिर दिग्विजय सिंह को सौंपी है।
दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर अपनी भूमिका में नजर आने लगे हैं। भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को टिकट का ऑफर देकर दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के खेमे में खलबली मचा दी है।
कर्जमाफी के बाद अब किसान पेंशन प्लान! : मध्यप्रदेश में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में कांग्रेस के वचन पत्र में किसानों से कर्जमाफी के वादे की बहुत बड़ी भूमिका रही है। किसानों की कर्जमाफी की घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले मध्यप्रदेश में हुए किसान आंदोलन की बरसी पर मंदसौर में की थी। इसके बाद तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के कैंपेन के दौरान राहुल गांधी ने हर मंच से किसानों को भरोसा दिलाया था कि कांग्रेस सरकार आते ही कर्जमाफी की जाएगी और कांग्रेस ने तीनों राज्यों में सत्ता में आते ही अपने इस वादे को पूरा भी किया है।
ऐसे में अब पार्टी लोकसभा चुनाव में किसान वोट बैंक को रिझाने के लिए अब किसानों को पेंशन देने का भी प्लान बना रही है। पार्टी में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी के पहले हफ्ते में भोपाल में कांग्रेस किसानों का एक बड़ा सम्मेलन करने जा रही है, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल होने आ रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि किसानों के इस बड़े कार्यक्रम में राहुल गांधी किसानों को पेंशन देने की योजना का ऐलान कर सकते हैं। मध्यप्रदेश में जहां कांग्रेस सत्ता में काबिज है, वहां पर पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले ही किसानों को पेंशन देने की योजना शुरू कर सकती है और राहुल गांधी मंच से ही इसका ऐलान कर सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ सरकार 1 अप्रैल 2019 से साठ साल से अधिक उम्र वाले किसानों को हर महीने एक हजार रुपए पेंशन देने की तैयारी कर रही है।
सरकार की इस योजना से प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों को फायदा मिलेगा, वहीं सरकार के खजाने पर बारह सौ करोड़ रुपए का भार आएगा। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी किसानों को पेंशन जैसी योजना की शुरुआत करके लोकसभा चुनाव में इसे मॉडल के तौर पर अपनाकर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में किसान वोट बैंक को अपनी ओर खींचना चाह रही है। पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए जो घोषणा पत्र तैयार कर रही है उसमें भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के वचन पत्र की झलक जनता को देखने को मिलेगी।