प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को देश भर में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इसके तहत मोदी ने स्वयं झाड़ू उठाई थी। इसके बाद कई नेताओं, अभिनेताओं और जिलाधिकारियों सहित कई हस्तियों ने भी इस सफाई अभियान में भाग लिया। कुछ ने तो नालियां तक साफ की। प्रज्ञा का यह बयान इस सफाई अभियान के खिलाफ माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संसद सत्र के बाद उन चीजों को क्रियान्वित करने के लिए हम यहां रहेंगे। आपकी सुनेंगे। जो भी समस्या है हम वहां जाकर समाधान कराएंगे। जो धनराशि हमको मिलेगी, आप लोगों के लिए मिलती है, खर्च आप लोगों पर ही करना है। यही होना है ना।
प्रज्ञा ने कहा, 'तो ध्यान रखो, हम नाली साफ करने के लिए नहीं बने हैं। ठीक है ना। हम आपके शौचालय साफ करने के लिए बिलकुल नहीं बनाए गए हैं। हम जिस काम के लिए बनाए गए हैं, वह काम हम ईमानदारी से करेंगे। यह हमारा पहले भी कहना था, आज भी कहना है और आगे भी कहेंगे।'
उन्होंने कहा कि सांसद का काम सांसद को बताना चाहिए। सांसद का काम है कि वह विधायक, पार्षद, मंडल अध्यक्ष व बाकी सबसे मिल करके यहां का विकास करें। स्थानीय समस्याओं के लिए जो लोग आपने चुने हैं उन्हें बताएं। अपने को उनसे भी काम करवाना है।