अनूठी सजा, भारतमाता की जय के नारे के साथ तिरंगे को 21 बार सलामी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 (17:30 IST)
भोपाल। पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने का आरोपी व्यक्ति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) के निर्देश पर मंगलवार को यहां एक पुलिस थाने पहुंचा और भारतमाता की जय (Bharat Mata Ki Jai) के नारे लगाते हुए राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी दी।
 
फैजान नाम के व्यक्ति को उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह निर्देश दिया था कि वह यहां स्थित मिसरोद पुलिस थाने में महीने के पहले और चौथे मंगलवार को तिरंगे को सलामी दे और भारतमाता की जय का नारा लगाए। मिसरोद पुलिस थाने के प्रभारी मनीष राज भदौरिया ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए फैजान आज महीने के चौथे मंगलवार को पुलिस थाने आया और राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी दी। यह मीडिया की मौजूदगी में हुआ और इसकी वीडियोग्राफी भी की गई। उन्होंने कहा कि अनुपालन रिपोर्ट उच्च न्यायालय को भेजी जाएगी और यह गतिविधि मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक जारी रहेगी।ALSO READ: एमपी हाईकोर्ट ने तिरंगे को सलामी देने की शर्त पर दी आरोपी व्यक्ति को जमानत
 
फैजान ने कहा कि रील बनाना और इस तरह के (पाकिस्तान समर्थक) नारे लगाना एक बड़ी गलती थी और उसे इसका पछतावा है। उसने कहा कि किसी को भी देश के खिलाफ नहीं जाना चाहिए। उसने कहा कि वह अपने दोस्तों से इस तरह की रील न बनाने का अनुरोध करता है।
 
वीडियो में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते दिखा : फैजान उर्फ ​​फैजल को इस साल मई में मिसरोद पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 बी के तहत एक मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। वह एक वीडियो में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए देखा गया था।ALSO READ: दिल्ली में CM हाउस में क्यों नहीं फहराया गया तिरंगा?
 
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी.के. पालीवाल ने 15 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता को कुछ शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जा सकता है, जो उसके अंदर उस देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना पैदा कर सकती है, जहां उसका जन्म हुआ और वह रह रहा है।
 
उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह खुलेआम उस देश के खिलाफ नारे लगा रहा है जिसमें वह पैदा हुआ और पला-बढ़ा है। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे, जो विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के समान था और उसका कृत्य सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी