भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मध्यप्रदेश की सियासत के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का पहली बार भोपाल में भाजपा मुख्यालय पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में भाजपा नेताओं ने एक सुर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ में पुल बांधे लेकिन इसी स्वागत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते बोलते सिधिंया को विभीषण बता बैठे। शिवराज के सिंधिया को विभीषण बताए जाने के लिए सूबे की सियासत में बवाल मच गया है।
दरअसल अपने स्वागत भाषण में शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार पर तीखे हमले बोलते हुए कहा कि अब रावण की लंका में आगे लगाने का वक्त आ गया है, अगर रावण की लंका पूरी तरह जलानी है तो विभीषण की जरुरत होती है और अब सिंधिया जी हमारे साथ है। शिवराज ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से भारतीय जनता पार्टी में आए हैं, कांग्रेसी सो नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिये सत्ता सेवा का माध्यम है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश में स्वर्ग बनाने की बात कही थी, परंतु आज तक कर्जामाफ नहीं कर पायी। प्रदेश को अराजकता में झोंकने का काम कमलनाथ सरकार ने किया है। इस सरकार का जनता से कोई सरोकार नहीं है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। बेटियों को कन्यादान की राशि, लाड़ली लक्ष्मी की राशि नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार के पास किसानों के लिए पैसा नहीं है लेकिन आईफा के लिए भरपूर पैसा है। शिवराज ने कमलनाथ के साथ साथ दिग्विजय पर निशाना साधते हुए कहा कि मिस्टर बंटाढार हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे की तर्ज पर कमलनाथ सरकार को ले डूबे है।
कांग्रेस ने कसा तंज : शिवराज के सिंधिया को विभीषण बताने पर कांग्रेस ने चुटकी लीह है। कांग्रेस मीडिया सेल समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने 18 वर्ष तक भरपूर मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा सब कुछ दिया उनके आज भाजपा में प्रवेश करते ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सार्वजनिक रूप से उन्हें 'विभीषण' बताकर उनका अपमान किया है और यह बता दिया है कि भले ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में प्रवेश ले ले लेकिन उनके प्रति उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है सिर्फ बोलने के शब्दों में परिवर्तन ज़रूर हुआ है।
सलूजा ने कहा कि राहुल गांधी जी ने कहा था सिंधिया जी भाजपा में जाकर कभी खुश नहीं होंगे और पछताएंगे तो ऐसा लगता है कि शाम को ही शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के बाद शायद सिंधिया जी और उनके प्रदेशभर के समर्थक बेहद नाखुश और अक्रोशित होंगे।