मान्यता के अनुसार देशभर में कही भी अघोर साधना या कपालिक तंत्र, मसान विधा में सिद्धि हासिल करने वाले तांत्रिक शिवरात्रि की रात को नर्मदा किनारे के श्मशान में पापोद्धार और साधना का उत्कीलन करने यहां पहुंचते हैं। भोग विलास से दूर की दुनिया के इन संतों के कर्मकांड आमजन से भिन्न है।