नगर को खुले में शौच मुक्त बनाने व स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने को लेकर नगर पालिका द्वारा नगर में कर्मचारियों को विभिन्न स्थानों पर सुबह से तैनाती की जाकर स्वच्छ भारत अभियान के तहत नागरिकों को खुले में शौच करने के लिए मनाही की जाती है, लेकिन कहीं न कहीं इन कर्मचारियों द्वारा आम नागरिकों से कुछ ज्यादा ही बदतमीजी की जा रही है। अब तो यह अधिकारी भी मारपीट पर उतारू हो गए हैं।
इसका प्रत्यक्ष प्रमाण बाराद्वारी निवासी धूलजी विश्वकर्मा की 17 वर्षीय पुत्री सुनीता को तहसीलदार द्वारा चांटा मार दिया गया है। दरअसल, बालिका शौचालय निर्माण की रसीद बताने के लिए अपने घर में पर्ची लेने अंदर घुस रही थी, तभी निरीक्षण करने पहुंची तहसीलदार अमिता सिंह तोमर द्वारा सुनीता को समझाने की कोशिश की गई और इसी बीच उन्होंने गुस्से में आकर सुनीता को चांटा जड़ दिया।
सुनीता ने बताया कि शौचालय निर्माण की रसीद नगर पालिका में कटवाई जा चुकी है और हमारे घर पर शौचालय नहीं है तो फिर हम लोग कहां शौच के लिए जाएं। इस घटना को लेकर सुनीता के पिता धुलजी विश्वकर्मा का कहना है कि मारपीट करने से बेटी की हालत खराब है, वह डिप्रेशन में है।
स्वच्छ भारत अभियान शासन का एक महत्वपूर्ण अभियान है, इसके तहत रोको-टोको अभियान में कर्मचारियों के दल द्वारा समझाइश दी जाती है, पर समझाइश देने के बजाय लोगों के साथ बदसलूकी किए जाने की अनेक घटनाएं सामने आ रही हैं।