भोपाल। सिवनी जिले के कुरई थाना इलाके के सिमारिया गांव में दो आदिवासी ग्रामीणों की पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) को लेकर मध्यप्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। गोमांस की तस्करी के शक में दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या के मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। वहीं सरकार पूरे मामले पर डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।
आदिवासी संगठन जयस की हुंकार-आदिवासी संगठन जयस सिवनी में आदिवासियों की निर्मम हत्या पर सड़क पर उतरने की तैयारी कर ली है। जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा वेबदुनिया से बातचीत में कहते है कि सिवनी में 2 बेकसूर आदिवासियों की हत्या के मामले को लेकर जयस के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताएंगे। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए पूरे मामले की सुनवाई के फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर घटना के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इस बर्बर हत्याकांड में कोई भी दोषी बक्शा नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि अनुसूचित क्षेत्रों मे आदिवासियों के बीच मे रहकर आदिवासियों की संस्कृति उनकी परम्पराओं और उनकी एकता और अखंडता मे बाधा डालने वाले समस्त गैर आदिवासी संगठनों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए।
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति- दो आदिवासियों की मॉब लिंचिग को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। पार्टी ने घटना की जांच के लिए तीन विधायक ओंकार सिंह मरकार, अशोक मर्सकोले और नारायण पट्टा की कमेटी बना दी है जो सिवनी पहुंचकर पूरे मामले की जांच करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि सिवनी ज़िले के आदिवासी ब्लॉक कुरई में दो आदिवासी युवकों की निर्मम हत्या किये जाने की बेहद दुखद जानकारी मिली है। इस घटना में एक आदिवासी युवक गंभीर रूप से घायल है। प्रदेश में आदिवासी वर्ग के साथ दमन व उत्पीड़न की घटनाएँ रुक नही रही है। हमने इसके पूर्व नेमावर , खरगोन व खंडवा की घटनाएँ भी देखी है। आरोपियों के भाजपा से जुड़े होने की जानकारी भी सामने आयी थी। इस घटना में भी आरोपियों के भाजपा से जुड़े कनेक्शन की बात सामने आ रही है।
अब तक 13 आरोपियों की गिरफ्तारी- वहीं आदिवासी ग्रामीणों की मॉब लिचिंग के मामले में पुलिस ने अब तक 13 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने गोमांस की तस्करी के शक में दो आदिवासियों की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। परिजनों ने हत्या का आरोप बजरंग दल और राम सेना के सदस्यों पर लगाया है। जिले के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के मुताबिक 15-20 लोगों ने आदिवासियों को गाय के मांस के साथ पकड़ा था। पुलिस को सूचना देने के बजाय उन्होंने खुद मारपीट की जिसमें दो की मौत हो गई।
मुआवजे का महरम-उधर पूरे मामले पर डैमेज कंट्रोल करने के लिए प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है। घटना में मारे गए संपत लाल वट्टी के बेटी सुनीता वट्टी को आदिवासी कन्या आश्रम बरेलीपार में और दूसरे मृतक धानसाय इनवाती के बेटे जयप्रकाश इनवाती को हाईस्कूल विजयपानी में दैनिक वेतन भोगी के पद में पदस्थ किये जाने के आदेश जारी कर दिए गए है। इसके साथ दोनों मृतक आदिवासियों के परिजनों को 8.25 लाख की आर्थिक सहायता दी गई है।