सात नए विधान पार्षदों में से तीन को भाजपा ने मनोनीत किया था, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो-दो सदस्य हैं। राज्यपाल 6 साल के कार्यकाल के लिए 12 प्रत्याशियों को विधान पार्षद के रूप में नियुक्त कर सकते हैं और इन्हें समाज के विभिन्न वर्गों से नियुक्त किया जाता है।
12 में से 7 नामों पर सहमति : सोमवार को, राज्य मंत्रिमंडल ने 12 में से 7 नामों पर सहमति दे दी थी और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भी स्वीकृति मिल गई थी। उनकी मंजूरी के साथ, राज्य सरकार ने विधान भवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया। शेष पांच पद अभी खाली हैं। शिंदे ने पूर्व सांसद हेमंत पाटिल और पूर्व विधान पार्षद मनीषा कायंदे को फिर से नियुक्त किया, जबकि भाजपा ने धर्मगुरु बाबूसिंह महाराज राठौड़, चित्रा वाघ और विक्रांत पाटिल को चुना।
राकांपा ने कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल के बेटे पंकज भुजबल और सांगली, मिराज कुपवाड़ महानगर पालिक के पूर्व महापौर इद्रीस नायकवाड़ी को चुना। इससे पहले दिन में राज्य सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि 7 विधान पार्षदों की नियुक्ति में कोई बाधा नहीं है। महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल 78 सीट हैं। (भाषा/वेबदुनिया)