फडणवीस के मंत्री गिरीश महाजन का दावा, क्या फिर टूट जाएगी शिवसेना यूबीटी?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 6 जुलाई 2025 (12:01 IST)
Maharashtra Politics : भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के कई सांसद व विधायक उनके संपर्क में हैं तथा लोगों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे पलटी बहादुर हैं और राज्य में त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन पर विवाद के बीच उनका आचरण अपरिपक्व है। ALSO READ: Maharashtra : 20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक
 
महाजन ने सोलापुर में पत्रकारों से कहा कि आज भी उद्धव ठाकरे समूह के कई विधायक और सांसद मेरे संपर्क में हैं। अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं है, तो आप जल्द ही खुद ही यह देख लेंगे। उन्होंने दावा किया कि ठाकरे के नेतृत्व में लोगों को बिलकुल भी भरोसा नहीं है।
 
उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री (2019 में) बनने की चाह में अपने पिता (शिवसेना संस्थापक) बाल ठाकरे की विचारधारा से भटककर अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर लिया। उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने लगभग दो दशकों में पहली बार मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया, जिसके एक दिन बाद भाजपा नेता की यह टिप्पणी आई है।
 
राज और उद्धव ने यह कार्यक्रम भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार द्वारा राज्य के विद्यालयों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के लिए पूर्व में जारी किए गए दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने का फैसला किए जाने के बाद आयोजित किया। ALSO READ: Devendra Fadnavis : उद्धव ठाकरे पर देवेंद्र फडणवीस का कटाक्ष, विजय रैली में रुदाली भाषण
 
महाजन ने उद्धव ठाकरे को पलटी बहादुर बताते हुए दावा किया कि उनका आचरण अपरिपक्व है। उन्होंने (ठाकरे ने) मौजूदा सरकार का विरोध करने के लिए ही अपना रुख बदला है। आगामी जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर निगम चुनावों के नतीजे बताएंगे कि प्रत्येक नेता पर जनता का कितना भरोसा है।
 
महाजन ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता बाल ठाकरे की विचारधारा को त्यागने का भी आरोप लगाया। भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने (2019 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद) शरद पवार की राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए बालासाहेब के हिंदुत्व को दरकिनार कर दिया। मुख्यमंत्री बनने की चाहत में उन्होंने अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर लिया है। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta 

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