मिथक : डायपर के इस्तेमाल से रैशेज हो जाते हैं।
सच्चाई : डायपर से जुड़ा सबसे आम मिथक है कि इसके इस्तेमाल से रैशेज हो जाते हैं। लेकिन इस बात में पूरी सच्चाई नहीं हैं। डायपर का उपयोग करने से आपके बच्चे के निचले हिस्से पर रैशेज नहीं होते हैं। बल्कि ठीक तरह से क्लीनिंग और ड्राई न होने पर बच्चों के निचले भाग में रैशेज हो जाते हैं। कई बार पेरेंट्स लंबे समय तक बच्चों का डायपर नहीं बदलते हैं। बच्चों को डायपर की वजह से होने वाले रैशेज से बचाने के लिए बार-बार नैपी बदलते रहना चाहिए। साथ ही एक अच्छी डायपर रैश क्रीम का उपयोग करना चाहिए।
मिथक : बड़े साइज का डायपर इस्तेमाल करने से रैशेज नहीं होते हैं।
सच्चाई : पेरेंट्स को लगता है कि वह अपने बच्चे के साइज से बड़े डायपर का इस्तेमाल करेंगे, तो इससे रैशेज की प्रॉब्लम नहीं होती है। एक बार फिर, यह पूरी तरह से एक मिथक है। डायपर रैशेज तब होते हैं जब बच्चे की त्वचा और उसके गीले डायपर के बीच घर्षण होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बच्चों के लिए बड़े साइज का डायपर खरीदना चाहिए। डायपर आपके बच्चे के पहनने वाले कपड़ों की तरह होने चाहिए - अच्छी तरह से फिट होने वाले और आरामदायक। यदि डायपर का आकार बहुत बड़ा है, तो आप बहुत अधिक लीक हो सकता है, जिसकी वजह से आपको परेशानी हो सकती है।
मिथक : डायपर बदलते समय उस हिस्से पर बेबी पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए।
सच्चाई : डायपर की वजह से बच्चों को रैशेज की प्रॉब्लम न हो, इसके लिए लोग डायपर बदलते समय बच्चों के निचले हिस्से पर बेबी पाउडर डालते हैं। लेकिन डॉक्टर का कहना है कि डायपर बदलते समय उस हिस्से पर बेबी पाउडर या किसी भी अन्य तरह के पाउडर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स बेबी पाउडर का बिल्कुल भी उपयोग न करने की सलाह देता है। अगर आप चाहते हैं बच्चों को रैशेज न हो, तो इसके लिए पाउडर नहीं बल्कि क्रीम का इस्तेमाल करें।
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