हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट ने 3 साल से कम उम्र के बच्चे को प्री-स्कूल भेजना गैर-कानूनी बताया है। साथ ही अगर बच्चा 3 साल की कम उम्र में स्कूल जा रहा है तो उसे नर्सरी क्लास से दोबारा पढ़ना होगा। आज के समय में पेरेंट्स अपने बच्चों को बहुत कम उम्र में स्कूल भेज देते हैं। पेरेंट्स को लगता है कि ऐसा करने से बच्चा जल्दी चीज़ों को समझने लगेगा और उसका दिमाग विकसित होगा। साथ ही कई पेरेंट्स अपने बच्चे का कम उम्र में स्कूल में एडमिशन करवाना चाहते हैं जिससे वह भविष्य में कम उम्र में अपना स्कूल पूरा कर ले। लेकिन एक सही उम्र में बच्चे को स्कूल भेजना उचित होता है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है बच्चे को स्कूल भेजने की सही उम्र...
बच्चे को प्ले स्कूल भेजने की सही उम्र क्या है? | best age of child to go to school in india
रिसर्च के अनुसार बच्चे के दिमाग का विकास 5 साल की उम्र तक हो जाता है। साथ ही 4 से 5 साल की उम्र में आप अपने बच्चे को प्ले स्कूल भेज सकती हैं। इस उम्र में बच्चा लोगों के साथ रहना सीखता है और कई तरह की नई एक्टिविटी में शामिल होता है। 3 साल या उससे कम उम्र में बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहिए। इस आयु में बच्चे के दिमाग का विकास ठीक तरह से नहीं होता है ऐसे में आपको बच्चे की केयर घर पर ही करनी चाहिए।
बच्चे को प्ले स्कूल क्यों भेजना चाहिए?
प्ले स्कूल के ज़रिए बच्चा कई एक्टिविटी में शामिल होता है जिससे उसका दिमाग विकसित होता है। साथ ही बच्चों को कई क्रिएटिव चीज़ें सिखाई जाती है जो बच्चे के फिजिकल और मेंटल हेल्थ के ज़रूरी है। डायरेक्ट स्कूल में एडमिशन करवाने से पहले आपको बच्चे को प्ले स्कूल भेजना चाहिए ताकि बच्चा लोगों के बीच रहना सीखे।
नई शिक्षा निति 2020 के क्या है नियम?
भारत की नई शिक्षा निति के अनुसार बच्चे का एडमिशन 3 साल की उम्र से होता है।
3 से 8 साल के बीच बच्चे 5 साल तक चीज़ों को समझते और सीखते हैं।
नई शिक्षा नीति के पहले स्टेज में 3 से 8 साल के कक्षा 2 तक पढ़ने वाले बच्चे शामिल हैं।
अन्य देशों में स्कूल जाने की उम्र क्या है?
ऑस्ट्रेलिया में 6 साल की उम्र के बाद ही बच्चे स्कूल जाते हैं।
नॉर्वे में बच्चों के स्कूल जाने की न्यूनतम आयु 6 साल है।
फ्रांस में बच्चे 3 साल की उम्र से स्कूल जाना शुरू कर देते हैं।
बुल्गारिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, लिथुआनिया, सर्बिया और स्वीडन ऐसे देश हैं, जहां बच्चे 7 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू करते हैं।