स्कूल खुलते ही बच्चों का पढाई में ध्यान लगवाना बहुत मुश्किल है। अगर आपका बच्चा भी पढाई करते समय नींद का बहाना या खेलने की ज़िद करता है तो आप अकेले नहीं है। छोटे बच्चों को पढाना मुश्किल होता है। बच्चों का मन चंचल होता है इसलिए सिर्फ पढाई पर ज्यादा देर तक ध्यान देना उनके लिए मुश्किल है। ऐसी स्थिति में कई पेरेंट्स छोटे बच्चों की ट्यूशन लगवा देते हैं। पर आप कुछ टिप्स की मदद से बच्चों को घर पर आसानी से पढ़ा सकते हैं। चलिए जानते हैं इन टिप्स के बारे में......
1. पढाई की जगह निर्धारित करें: बच्चे को पढाई करने के लिए उसकी एक सही जगह निर्धारित करें। कहीं भी बच्चे को पढ़ने के लिए न बोलें। एक शांत और पर्याप्त रौशनी वाली जगह चुने जिसमें बच्चे को पढ़ने में आसानी हो। बेड रूम या ड्राइंग रूम में बच्चों को पढाई में आलस आता है। साथ ही उसकी एक स्टडी टेबल को भी फिक्स रखें जिससे बच्चे का बॉडी पोस्चर सही रहे।
2. बच्चे को मारे न: पढाई करते समय आपने भी अपने पेरेंट्स से मार खाई होगी। पर पढाई करते समय बच्चों को मारना बिलकुल सही नहीं है। ऐसा करने से बच्चे का मनोबल कम होता है। साथ ही बच्चे में सीखने की लगन भी कम होने लगती है। बच्चे की परेशानी को समझने की कोशिश करें और सब्र रखें। साथ ही बच्चे को उसके अनुसार विषय समझाएं।
3. स्ट्रेस न दें: कई बार बच्चों को पढ़ाने के लिए हम उन पर बहुत जोर डालते हैं। कई पेरेंट्स होमवर्क न करने पर खाना न देना या बात न करने जैसे दावे भी करते हैं। ऐसा करने से आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ सकता है। बच्चे को स्ट्रेस फ्री रखें और उसे पढाई के महत्व को समझाएं।
4. खेलने से न रोकें: पढाई को बेहतर बनाने के लिए खेलना भी बहुत ज़रूरी है। खेलने से बच्चों के दिमाग का विकास होता है और साथ ही मेंटल हेल्थ में सुधार आता है। आप बच्चे के खेलने के समय को भी निर्धारित रखें। साथ ही स्कूल के बाद दिन में 1-2 घंटे उसे खेलने के लिए ज़रूर दें। कोई नया स्पोर्ट सीखना भी बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है।
5. घर का माहौल ठीक रखें: घर का माहौल ठीक रखना बहुत ज़रूरी है। कई बच्चे अपने घर के माहौल से बहुत परेशान होते हैं और पढाई में ठीक से ध्यान नहीं लगा पाते हैं। घर में शांत माहौल बनाकर रखें। बच्चे के पढाई के समय घर में ज्यादा शोर न हो। साथ ही किसी तरह की लड़ाई बच्चे के सामने या उसकी उपस्थिति में न करें।
6. टाइम टेबल बनाएं: पढाई के लिए सबसे ज़रूरी टाइम टेबल है। आप अपने बच्चे के दिनचर्या के अनुसार टाइम टेबल बनाएं। ज्यादा स्ट्रिक्ट टाइम टेबल बनाने की ज़रूरत नहीं है। आप स्कूल के बाद पढाई के 2-3 घंटे ही टाइम टेबल में शामिल करें। ऐसा करने से बच्चे में अनुशासन आएगा। साथ ही एक निर्धारित समय पर उसको पढाई करने की आदत हो जाएगी।
7. बच्चे की नींद का ध्यान रखें: पढाई करते समय बच्चे नींद का बहुत बहाना बनाते हैं। पर आपको बच्चे को रेस्ट देना भी बहुत ज़रूरी है। ध्यान रहे कि बच्चा सही समय पर सोए और पर्याप्त मात्रा में नींद ले। साथ ही स्कूल के आने के बाद उसे 1-2 घंटे का रेस्ट दें या सोने दें।