डॉक्टर कहते हैं कि अक्सर बच्चे रात के समय में चॉकलेट और मिठाई खाने के तुरंत बाद सो जाते हैं। जिससे उनका दांत सड़ने लग जाता है और अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो इससे क्रॉनिक इंफेक्शन के बाद मसूड़ों में कैंसर सेल जेनेरेट होने लगते हैं। ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि इसे पूरी तरह से कैंसर नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसे कैंसर का लक्षण माना जाता है।
चीनी में होता है केमिकल :
वाइट शुगर रिफाइंड शुगर होती है, जिसमें घातक केमिकल मिले होते हैं। यह शुगर बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक होती है। सफ़ेद शुगर के अधिक इस्तेमाल से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है। जिससे बच्चों को संक्रमण और अन्य बीमारियां घेरने लगती है। रिसर्च में यह पता चलता है कि जो बच्चे अधिक मीठा खाते हैं, उन बच्चों में हार्ट की बीमारी होने का अधिक रिस्क रहता है।
बच्चों में गुस्सा का कारण हो सकता है मीठा :
बच्चे मीठा खाने से हाइपर एक्टिव हो सकते हैं। खास तौर पर रात के समय में बच्चों को मीठा नहीं खिलाना चाहिए। रात के समय में जब आपका बच्चा मिठाई या चॉकलेट खाने की जिद करता है तो आप उन्हें चिप्स या कुछ नमकीन खिलाएं, मीठा रात के समय में नहीं खिलाएं, नहीं तो वो देर रात तक आपको परेशान करेंगे।
क्या सचमुच जुड़ा हैं मीठे से बच्चों का हाइपर एक्टिव होना :
बहुत लोगों का मानना है कि उनके बच्चे में अगर हाइपर एक्टिव होने के लक्षण देखे जा रहे हैं, तो इसकी वजह बच्चे का मीठा प्रेम होना है। बच्चा मीठा ज्यादा खाता है और इसी वजह से वो हाइपर एक्टिव होता चला जाता है। हालांकि रिसर्च में ऐसी कोई वजह सामने नहीं आई है। अधिक मीठा खाने की वजह से बच्चों में मोटापा बढ़ना, दांतों का सड़ना, भूख कम लगना जैसी समस्या देखने को मिलती है।