कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कुछ जिलों के गांवों में एक मोबाइल एप लड़कियों को उम्मीद की एक नई किरण दे रहा है, जहां पिछले 2 दशकों से बाल विवाह और लड़कियों की तस्करी के मामलों की संख्या चौंकाने वाली रही है।
उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा या तो बीच में रुक गई थी या वे तस्करी की शिकार हो गईं। उनमें से कुछ का पता लगा लिया गया। लेकिन हमें ऐसे सॉफ्टवेयर की आवश्यकता महसूस हुई, जो तस्करी, बाल विवाह को रोकने में मदद कर सके और इन लड़कियों की स्थिति पर नियमित नजर रखे। इंद्राणी ने कहा कि तब मार्च 2014 में मोबाइल एप लांच किया गया।
उन्होंने कहा कि परियोजना को बड़ी सफलता मिली है। यह धन की कमी की वजह से 20 गांवों तक सीमित है। हमारा उद्देश्य अगले 3 साल में दक्षिणी 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों के 100 गांवों में 7,000 लड़कियों तक पहुंचने का है। (भाषा)