बागडोगरा या जलपाईगुड़ी से दार्जीलिंग जाना होगा। बागडोगरा से कोर्सियांग होते हुए दार्जीलिंग का सफर करीब साढ़े तीन घंटे का है। दार्जीलिंग से गंगटोक जाना होगा। करीब 4 घंटे का सफर है। गंगकोट में हवाई मार्ग, रेलवे मार्ग और सड़क मार्ग तीनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। सिक्किम के पर्यटक स्थलों के आसपास सभी तरह के होटल्स और होमेस्टे फैसिलिटी अवेलेबल है। आपको नेपाल, भूटान, तिब्बत और भारत के कई व्यंजन उपलब्ध हो जाएंगे।
गंगटोक : गंगटोक में आर्किड गार्डन, छांगू झील और नाथूला देखें। छांगू झील जहां पथरीली, बर्फ जमी चट्टानों से आच्छादित रहती हैं। वहीं कंपकंपाती ठंड में नाथूला पास को देखें। गंगटोक यहां की राजधानी है। राज्य के चार जिलों में उत्तर में मागन, दक्षिण में नामची, पूर्व में गंगटोक और पश्चिम में ग्यालसिंग जिला मुख्यालय हैं।
हिल्स : श्वेत की सर्वाधिक आकर्षक पर्वत श्रृंखलाएँ-सिंगेलेला और चोला हैं, जिनमें से कंचनजंगा का सबसे ऊँचा शिखर भी शामिल है। सिंगेलेला अगर राज्य के पश्चिमी सीमा पर है तो चोला पूर्वी सीमा पर स्थित है। इनमें सिनीलोछू, पाडिंम, नरसिंग, काबरू, पिरामिड और नेपाल पर्वत शिखर शामिल हैं। पूर्वी हिमालय में स्थित राज्य का एक हिस्सा उत्तर में तिब्बत के स्वशासी राज्य से लगा है। पूर्व में तिब्बत और पश्चिमी भूटान, पश्चिम में पूर्वी नेपाल और दक्षिण में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग गोरखा हिल्स हैं।
खूबसूरत वादियों, जंगलों, फूलों, झीलों, बर्फीले पहाड़ों और घुमावदार सड़कों के साथ प्रकृति की ऐसी सुंदरता आपको किसी अन्य राज्य में देखने को नहीं मिलेगी। यहां जाकर आपको लगेगा कि आप स्वर्ग में आ गए हैं। पूरे रास्ते भर में आपकी आंखे बंद नहीं होगी। हाईवे से गुज़रने वाले यात्री एक बार प्रकृति की इस नायाब सुंदरता को अपनी आंखों और कैमरों में कैद ज़रूर कर लेते हैं।