आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में घमासान जारी है। भाजपा द्वारा बनाई गई उम्मीदवारों की प्रस्तावित सूची के लीक हो जाने के बाद मध्यप्रदेश में घमासान मचा है। उसी के चलते बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने जा रही है।
भाजपा में एक बड़ा झंझट यह हो गया है कि जो सूची भाजपा ने प्रस्तावित उम्मीदवारों की बनाई है, वह विस्तारकों की रिपोर्ट और संघ के नामों से मेल नहीं खा रही है। ऐसे में इतना तो साफ़ हो गया है कि जो नाम प्रदेश भाजपा ने दिल्ली भेजे हैं उन पर लकीर फिर सकती है और कई सिटिंग विधायकों के टिकिट कट सकते हैं।
जानकारों से पता चला कि आज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल दिल्ली से एमपी में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तारकों से वन टू वन चर्चा करेंगे। इस दौरान हो सकता है सिटिंग विधायकों के नामों पर केंद्रीय चुनाव समिति जमकर लकीर फेर दे।
यह बातचीत भोपाल में स्थित वार रूम के माध्यम से होगी, जिसे मैनेज प्रदेश के सह-संगठन मंत्री अतुल राय करेंगे। इसके लिए विस्तारकों को दोपहर 2 बजे टेलीकॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा जाएगा।
आज होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में एमपी से मात्र दो नेता सीएम शिवराजसिंह चौहान और राष्ट्रीय महासचिव थावरचंद गेहलोत शामिल रहेंगे। ऐसी स्थिति में आज भाजपा की भेजी गई सूची का 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो जाएगा।
ताजा घटनाक्रम के अनुसार भाजपा में टिकटों को लेकर पूरी तरह संघ और विस्तारकों की रिपोर्ट और सर्वे को आधार बनाया जा रहा है। क्योंकि भाजपा की प्रस्तावित सूची लीक होने के बाद प्रदेश में भारी विरोध पैदा हो गया, जिसकी खबरें दिल्ली तक पहुंची थीं और पार्टी ने तय किया कि जो जमीनी रिपोर्ट है, उसी को तरजीह दी।
कांग्रेस में भी उठापटक : इधर कांग्रेस में भी घमासान जारी है। मालवा की बात करें तो एक ख़ास बात यह देखने में आई है की मीनाक्षी नटराजन से जुड़े जितने भी नाम हैं वो सर्वे रिपोर्ट में नहीं होने के कारण दौड़ से बाहर होते दिखाई दे रहे हैं। मीनाक्षी के पेनल में अधिकांश वो नाम हैं जो लगातार चुनाव हारते रहे हैं और जनता से सीधे संपर्क में नहीं हैं।
बताते हैं राहुल गांधी के एमपी दौरे के दौरान इस बात से उन्हें अवगत करवाया गया कि यदि गुटबाजी के आधार पर टिकट वितरण हुआ तो फिर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ेगा। इस पर राहुल गांधी ने साफ कर दिया की उम्मीदवार किसी भी गुट का हो सर्वे में नाम प्रमुखता से होना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस में मनासा से पूर्व काबीना मंत्री नरेंद्र नाहटा और गरोठ से सुभाष सोजतिया के नामों पर मुहर लगने की जो बात सामने आई थी, अब उनका भी टिकट खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा है।