पुलिस के हर मुठभेड़ को झूठ और गैरकानूनी हत्या या गोली मारना बताने वाले नेता व एक्टिविस्ट इतनी भी संवेदनशीलता नहीं बरत पाये कि वे गोपाल मिश्रा के साथ हुई बर्बरता की निंदा करते। समूचे देश में भाजपा विरोधी आम नेताओं, पार्टियों, मुस्लिम नेताओं, बुद्धिजीवियों, नामी मौलानाओं, इमामों, संस्थानों के प्रमुखों… सबके बयानों को खंगाल लीजिए, आपको शायद ही कहीं रामगोपाल मिश्रा की हत्या व नृशंसता की आलोचना में एक शब्द मिल जाए।