अभिनय ऐसा जैसे सरल तरल पारदर्शी पानी, कहीं कोई बहने या कहने का प्रयास नहीं सब कुछ अनायास ही घटित होता जाता... लगता ही नहीं कि पर्दे पर दिख रहा बंदा अभिनय कर रहा है किरदार को उसके पूरे वजूद के साथ स्थापित कर देता था। ये 'था' शब्द बहुत कड़वा है लेकिन सच इसी का भाई है।
टूट गया एक सितारा... बुझ गई एक चमकीली रोशनी, मंद हुआ आकाश में अभिनय का सूरज...
कितनी कितनी संभावनाएं अभी बची थी ,कितना कुछ अभी हमें उनको देना था, उनकी बेजोड़ कला हमें देखनी थी। सब थम गया है, उनके थमे हुए गहरे व्यक्तित्व की तरह...
यह खबर बहुत कड़वी है... नहीं उतर रही गले.. पर सच यही है कि इरफान हमारे बीच नहीं रहे। दुआ यही है कि जहां में जहां भी वे रहें अल्लाह उन्हें सुकून अता फरमाए... दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिनके न होने की कल्पना भी पलकों की कोर को नम कर देती है...इरफान आप उन्हीं में से एक थे। अल्लाह हाफ़िज़ अभिनय की दुनिया के रोशन सितारे, बहुत याद आएंगे आप...