एक्सप्रेस-वे के निकट हत्या और सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने करीब 1 साल पहले बुलंदशहर में घटी इसी तरह की हैवानियत की वारदात को ताजा करने के साथ ही आम लोगों में सिहरन पैदा करने का काम किया है। हम सभी कल्पना रामराज्य की करते हैं, पर रच रहे हैं महाभारत। महाभारत भी ऐसा जहां न कृष्ण है, न युधिष्ठिर और न अर्जुन। न भीष्म पितामह हैं, न कर्ण। सब धृतराष्ट्र, दुर्योधन और शकुनि बने हुए हैं। न कोई गीता सुनाने वाला है, न सुनने वाला। बस, हर कोई द्रोपदी का चीरहरण कर रहा है।