सर्पभय से मुक्ति देगा श्री सर्प सूक्त का पवित्र पाठ, नागपंचमी पर अवश्‍य पढ़ें...

Sarpa Suktam Stotram इस बार 2 अगस्त 2022, दिन मंगलवार को एक खास त्योहार आ रहा है, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाएगा। इसे हिन्दू धर्म में नागपंचमी पर्व के रूप मान्यता है।

शास्त्रों के अनुसार जिन जातकों की जन्म कुंडली में कालसर्प योग, पितृ दोष तथा सर्पभय होता है, उनका जीवन अत्यंत कष्टदायी और पीड़ायुक्त होता है तथा उक्त जातक को अनेक प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। ऐसा व्यक्ति मन ही मन घुटता रहता है।

अत: ऐसे जातक को नागपंचमी के दिन विशेष रूप से श्री सर्प सूक्त का पाठ पढ़ना चाहिए, क्योंकि यह पाठ जहां परेशानियों से राहत देगा, वहीं वह नाग देवता को प्रसन्न करके जीवन खुशियों से भर देगा। यहां पढ़ें चमत्कारी मंत्र पाठ-Nagpanchami Mantra 2022

 
श्री सर्प सूक्त स्तोत्र :  Sarpa Suktam Stotram
 
ब्रह्मलोकेषु ये सर्पा शेषनाग परोगमा:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।1।।
 
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: वासु‍कि प्रमुखाद्य:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।2।।
 
कद्रवेयश्च ये सर्पा: मातृभक्ति परायणा।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।3।।
 
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: तक्षका प्रमुखाद्य।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।4।।
 
सत्यलोकेषु ये सर्पा: वासुकिना च रक्षिता।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।5।।
 
मलये चैव ये सर्पा: कर्कोटक प्रमुखाद्य।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।6।।
 
पृथिव्यां चैव ये सर्पा: ये साकेत वासिता।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।7।।
 
सर्वग्रामेषु ये सर्पा: वसंतिषु संच्छिता।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।8।।
 
ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पप्रचरन्ति।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।9।।
 
समुद्रतीरे ये सर्पाये सर्पा जंलवासिन:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।10।।
 
रसातलेषु ये सर्पा: अनन्तादि महाबला:।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।11।।
 

Nagpanchami Mantra 2022
 

ALSO READ: Essay on Nag Panchami : नागपंचमी पर पढ़ें हिन्दी में निबंध

ALSO READ: Nag Panchami 2022: इस बार नागपंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन, सरल पूजा विधि

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी