नई दिल्ली। अपनी सरकार के कथित भ्रष्टाचार और अनिर्णय को लेकर सवालों के घेरे में आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को ‘इतिहास’ को अपनी ढाल बनाया।
अपनी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को तवज्जो नहीं देते हुए सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे ईमानदारी से मानते हैं कि इतिहास उनके प्रति मौजूदा मीडिया के मुकाबले अधिक दयालु होगा।
कमजोर प्रधानमंत्री बताए जाने को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले सिंह ने कहा कि हालात के अनुसार उनसे जो अच्छा हो सकता था, उन्होंने किया। अब यह तय करना इतिहास का काम है कि उन्होंने क्या किया या क्या नहीं किया। (भाषा)