शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का सनसनीखेज आरोप, केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 15 जुलाई 2024 (16:02 IST)
228 kg gold missing from Kedarnath Temple: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वी ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर में सोना का घोटाला हुआ है। मंदिर से 228 किलो सोना गायब है। क्यों इस मुद्दे को नहीं उठाया जाता, क्यों इस मामले की जांच नहीं होती। 
 
दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर से नाराज शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि केदारनाथ मंदिर में सोने का घोटाला हुआ है। वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनेगा, फिर एक और घोटाला होगा। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्यों नहीं इस मामले में अब तक जांच बैठाई गई। क्यों इस मुद्दे को मीडिया नहीं उठाता। अब वे कह रहे हैं कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता। ALSO READ: ‍दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर पर भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, CM धामी ने दी सफाई
 
दिल्ली के मंदिर को लेकर क्या कहा : शंकराचार्य ने दिल्ली में बन रहे मंदिर को लेकर पहले कहा था कि केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने का कुत्सित प्रयास है। शंकराचार्य ने कहा कि मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसको पुराण में हिमालय तू केदारम कहा गया है। 
 
केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग सतयुग का ज्योतिर्लिंग कहा गया है। उन्होंने कहा कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

उद्धव की सरकार गिराने वाले हिन्दू नहीं : शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम सभी सनातन धर्म के अनुयायी हैं। हमारे लिए पाप और पुण्य की परिभाषा है। सबसे बड़ा पाप विश्वासघात है और उद्धव ठाकरे के साथ धोखा हुआ है। मैंने ठाकरे से कहा कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हम सभी दुखी हैं। 
 
शंकराचार्य ने कहा कि जब तक वह दोबारा महाराष्ट्र के सीएम नहीं बन जाते, तब तक हमारी पीड़ा कम नहीं होगी। जो व्यक्ति धोखा करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो इसे सहता है, वह हिंदू है। महाराष्ट्र की जनता इससे दुखी है और यह लोकसभा चुनाव में भी दिखाई दिया। यह उन लोगों का भी अपमान है, जो अपना नेता चुनते हैं। बीच में सरकार तोड़ना और जनादेश का अपमान करना गलत है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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