हालांकि ये सीमाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2021 दिशानिर्देशों से बहुत अधिक हैं, जो पीएम 2.5 के लिए 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 के लिए 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सिफारिश करते हैं। जनवरी से जून तक के वायु गुणवत्ता आंकड़ों से पता चला कि हरियाणा के प्रत्येक शहर में एनएएक्यूएस और डब्ल्यूएचओ पीएम 10 का स्तर मानकों से अधिक है।
फरीदाबाद सबसे प्रदूषित : फरीदाबाद हरियाणा का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां औसत पीएम 2.5 स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो एनएएक्यूएस और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों से कहीं अधिक है। केवल तीन शहर - पलवल, अंबाला और मांडीखेड़ा - पीएम 2.5 के स्तर को एनएएक्यूएस सीमा से कम रखने में कामयाब रहे।
गुरुग्राम में पीएम 10 की सांद्रता सबसे अधिक 227 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जबकि अंबाला में यह सबसे कम, 79 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
क्या कहते हैं विश्लेषक : ऊर्जा एवं स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (CREA) में विश्लेषक मनोज कुमार ने कहा कि हरियाणा के सभी 24 शहरों में वर्ष की पहली छमाही में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक पाया गया....। हालांकि हरियाणा के कई शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, लेकिन केवल फरीदाबाद ही वर्तमान में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का हिस्सा है, अन्य शहरों में इस समस्या से निपटने के लिए कार्ययोजना का अभाव है। (एजेंसी/वेबदुनिया/फाइल फोटो)