नई दिल्ली। उच्च न्यायालयों के 2 मुख्य न्यायाधीशों को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया और इनके शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी, जो इसकी स्वीकृत अधिकतम संख्या है। उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने 31 जनवरी को इन दोनों न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की थी। विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने यह जानकारी दी।
विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने शीर्ष अदालत में की गई इन नियुक्तियों की घोषणा ट्विटर के जरिए की। उन्होंने ट्वीट किया कि भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत भारत की माननीय राष्ट्रपति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया है। इन्हें मेरी शुभकामनाएं।
इन दोनों के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या प्रधान न्यायाधीश सहित 34 हो जाएगी, जो इसकी स्वीकृत अधिकतम संख्या है। उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने 31 जनवरी को इन दोनों न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की थी। केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने भी इन नियुक्तियों के संबंध में अधिसूचनाएं जारी की हैं।
5 न्यायाधीशों को पिछले सप्ताह भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किया गया था। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक प्रस्ताव के अनुसार भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में कॉलेजियम के सभी 6 सदस्य न्यायमूर्ति बिंदल के नाम की सिफारिश को लेकर एकमत थे, लेकिन न्यायमूर्ति कुमार के नाम पर कॉलेजियम के एक सदस्य न्यायमूर्ति केएम जोसेफ को आपत्ति थी।
इस साल मई से जुलाई के बीच शीर्ष अदालत के 6 न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।(भाषा)