जम्मू। कश्मीर के 2 परिवार अपने बच्चों के अपहरण को लेकर चिंतित हैं। दोनों ही परिवार सेना से जुड़े हुए हैं। इनमें से एक का सैनिक बेटा पिछले 39 दिनों से आतंकियों की कैद में है, तो दूसरा 6 दिनों से। जो सैनिक 39 दिन पहले अगवा किया गया था उसके प्रति आतंकी ऑडियो संदेश देकर कह चुके हैं कि उसे मार दिया गया था, पर परिवार मानने को राजी नहीं। वह उसके शव की मांग कर रहा है।
दूसरा परिवार भी सैनिक का है। इस परिवार का एक बेटा सैनिक है और उसके भाई को आतंकियों ने 8 सितंबर को अगवा कर लिया था। यह सच है कि आतंकियों द्वारा अगवा किए गए सैन्य जवान शाकिर मंजूर का 39 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिवार और सेना तलाश में जुटी है। अब परिवार ने आतंकियों से अपील की है कि जवान को छोड़ दें। अगर मार दिया है तो उसका शव लौटा दें, ताकि वे उसे आखिरी बार देख सकें और दफन कर सकें।
सैन्य जवान शाकिर मंजूर निवासी गांव रिझीपोरा का आतंकियों ने 2 अगस्त को अपहरण कर लिया था। कुलगाम गांव में उनकी कार जली मिली थी। 5 अगस्त को कपड़े शोपियां के लंढौरा इलाके में मिले थे। जवान के पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि 2 अगस्त से उन्होंने घटनास्थल के आसपास के लगभग 60 किलोमीटर के इलाके को खंगाल दिया है लेकिन कोई सुराग नहीं लगा है।
याद रहे जवान के अपहरण के कुछ दिनों बाद एक ऑडियो संदेश भी वायरल हुआ था। इसमें खुद को आतंकी बताने वाले ने दावा किया था कि उन्होंने जवान को मारकर अज्ञात स्थान पर दफना दिया है। इसी तरह दक्षिण कश्मीर में रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए सैन्यकर्मी के भाई यासिर अहमद वानी की मां ने बेटे से लौट आने की मार्मिक अपील की है।
जिला अनंतनाग के डुरु का रहने वाला 21 वर्षीय यासिर अहमद वानी आठ सितंबर को लापता हो गया था। उसका एक भाई सेना में कार्यरत है। रविवार को आतंकवादी तंजीम द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने एक ऑडियो संदेश में दावा किया कि वानी आतंकी बन गया है। इसके बाद मां ने रविवार को बेटे से अपील की कि वह उनकी उम्र का व ममता का लिहाज करते हुए लौट आए।