उन्होंने कहा कि चाहे वह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो, कोविड-19 वित्तीय सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत वेतन में वृद्धि हो या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर। पहला कदम था कि सभी वयस्क को बैंक खाता मुहैया कराना जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि वित्तीय समावेशन सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकता है, क्योंकि यह समावेशी विकास का उत्प्रेरक है।
इस अवसर पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग प्रणाली में इससे छूट गए लोगों को जोड़ा और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को वित्तीय प्रणाली में शामिल किया गया जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकांश खाते ग्रामीण भारत के हैं। पीएमजेडीवाई खातों के तहत कुल जमा शेष राशि 1.31 लाख करोड़ रुपए और प्रति खाता औसत जमा राशि 3,239 रुपए है।
सरकार ने 2018 में नई सुविधाओं और फायदों के साथ पीएमजेडीवाई के दूसरे संस्करण को पेश किया। इसके तहत सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए खातों के लिए रुपे कार्ड पर मुफ्त आकस्मिक बीमा कवर देने का फैसला किया। साथ ही ओवरड्राफ्ट की सीमा भी बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई और बिना किसी शर्त 2,000 रुपए तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी गई।