नीति आयोग के शोधार्थियों के अनुसार, हाइपर टेंशन और डायबिटीज के मरीजों के लिए फोर्टिफाईड चावल हानिकारक है।
बगैर किसी गाइडलाइन के बोरी भेज दी जाती है, बिना यह बताए कि ये चावल किसे खाना है, किसे नहीं!
हम दावे के साथ कह सकते हैं कि वैज्ञानिक रिसर्च के माध्यम से ये निर्णय नहीं लिया… pic.twitter.com/718WpobSKS