भूख हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

सोमवार, 18 जून 2018 (08:10 IST)
नई दिल्ली। आप सरकार और उपराज्यपाल में तकरार के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धरना आज सातवें दिन भी जारी रहा। वहीं, आईएएस अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।




उपराज्यपाल कार्यालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के करीब एक हफ्ते बाद दिल्ली के मंत्री सत्येन्द्र जैन की हालत बिगड़ने के कारण आज रात उन्हें महानगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच, गतिरोध को देखते हुए गैर भाजपा शासन वाले चार राज्यों के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने और संकट के समाधान का अनुरोध किया।

अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री जैन को एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि सत्येन्द्र जैन की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले, केजरीवाल ने स्थिति संभालते हुए अधिकारियों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए उन्हें अपने परिवार का हिस्सा बताया।
आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री निवास की ओर मार्च निकाला लेकिन बीच रास्ते में ही पुलिस ने इसे रोक दिया। केजरीवाल की अगुवाई वाली आप और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच बढ़ते गतिरोध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उनके ‘बढ़े हुए अहंकार’ के कारण नगर के लोग परेशान हो रहे हैं।

दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के समक्ष ‘खेद’ प्रकट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने कहा कि अगर केजरीवाल दिल्ली के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों को नहीं समझ सके हैं तो कोई भी उनकी मदद नहीं कर सकता। 



दिल्ली आईएएस एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से उसके अधिकारियों को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं करने को कहा और उनके दावे को खारिज किया कि वे हड़ताल पर हैं।  केजरीवाल के उपराज्यपाल के साथ टकराव के बीच एसोसिएशन ने कहा आप सरकार को अपना रूख बदलने की जरूरत है। राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी, दक्षिण दिल्ली जिलाधिकारी अमजद टाक और सूचना एवं प्रचार सचिव जयदेव सारंगी के साथ यहां प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन किया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी काफी गंभीरता और समर्पण से काम कर रहे हैं।  अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे लोग राजनीति में शामिल नहीं हैं और तटस्थ हैं। उनका काम सरकार की नीतियों को लागू करना है।

उन्होंने कहा कि हम सिर्फ कानून और संविधान के प्रति उत्तरदायी हैं। सक्सेना ने कहा कि हमें निशाना बनाया गया और कहा गया कि हम किसी के साथ काम कर रहे हैं। हम यह बताना चाहेंगे कि हम हड़ताल पर नहीं हैं। आईएएस एसोसिएशन के जवाब में रात में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज आईएएस अधिकारियों को अपने परिवार का हिस्सा बताते हुए आश्वस्त किया कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
 
केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा कि अधिकारी मेरे परिवार का हिस्सा हैं। मैं उनसे आग्रह करना चाहूंगा कि चुनी हुई सरकार का बहिष्कार करना बंद कर वे अब काम पर लौट आएं और मंत्रियों की सभी बैठकों में हिस्सा लें, कॉल और मैसेज का जवाब दें और निरीक्षण के लिए उनके साथ रहें।’’ 
 
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और कई वामपंथी कार्यकर्ताओं के भागीदारी करने से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने आज प्रदर्शन मार्च का आयोजन किया लेकिन प्रधानमंत्री के आवास सात, लोक कल्याण मार्ग तक आप कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाए।
 
 
राजधानी में मंडी हाउस से प्रधानमंत्री आवास तक आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं के विरोध मार्च के मद्देनजर दिल्ली में आज पांच प्रमुख मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया। इससे पहले दिन में पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दिल्ली में उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने का आग्रह किया। 
 
नीति आयोग की एक बैठक के इतर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मोदी से संकट का समाधान करने को कहा।  उधर, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल को एक खुला पत्र लिखकर उनसे राजनीतिक फायदे से आगे देखने और अपने मंत्रियों के साथ काम शुरू करने को कहा।

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