नई दिल्ली। अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में अडाणी ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। अडाणी समूह के शेयर शुक्रवार को भी दबाव में रहे और इनमें 20 फीसदी की गिरावट आई।हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हालांकि अडाणी ग्रुप ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। अडाणी टोटल गैस के शेयर 19.65 फीसदी गिरे, अडाणी ट्रांसमिशन के 19 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी के 15.50 फीसदी और अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 6.19 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 5.31 फीसदी गिरे, अडाणी विल्मर के 5 फीसदी और अडाणी पॉवर के शेयर में 4.99 फीसदी की गिरावट आई।
पिछले 5 दिनों में अडाणी ट्रांसमिशन में 25.39 फीसदी, अडाणी पोर्टर्स में 30.79 फीसद, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 24.97 फीसदी अडाणी टोटल में 23.38 फीसदी, अडाणी पॉवर में 9.8 फीसदी और अडाणी विल्मर में 7.05 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
अडाणी की नेटवर्थ पिछले 3 दिन में 10% से ज्यादा कम हो गई। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, अडाणी को लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अडाणी की कंपनियों की मार्केट कैप में भारी कमी आई। इसके चलते निवेशकों को 2.75 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
अडाणी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत बिना सोचे-विचारे काम करने के लिए अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है, वहीं अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।
समूह के लीड प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना कोई शोध और पूरी जानकारी के समूह के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की। इससे अडाणी समूह, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिए जो उतार-चढ़ाव आया, वह काफी चिंता की बात है। रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें कुछ और नहीं, बल्कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार की गई थीं।
जलुंधवाला ने कहा कि एक विदेशी इकाई ने जानबूझकर और बिना सोचे-विचारे निवेशक समुदाय और आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उसने अडाणी समूह, उसके नेतृत्व की साख को बट्टा लगाने के साथ हमारी प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम) की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। हम उसकी इन हरकतों से काफी परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत निपटने और दंडात्मक कार्रवाई पर गौर कर रहे हैं। इससे पहले बुधवार को अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने कहा था कि उसके 2 साल के शोध के बाद यह पता चला कि अडाणी समूह दशकों से खुलेतौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल रहा है।