भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर मंगलवार को अधूरी रही संयुक्त चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास की बयार बह चली है और आतंकवाद का गढ़ कहे जाने वाले पुलवामा और किश्तवाड़ जैसे इलाके अब 'लाल सोने' (केसर) के गढ़ में तब्दील हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पुलवामा को 'आतंकवाद का गढ़' कहा जाता था लेकिन आज यह केसर का गढ़ बन गया है। किश्तवाड़ में केसर को जीआई टैग दिया गया है। केसर को 'लाल सोना' कहा जाता है। पाल ने कहा कि आतंकवाद की मार से त्रस्त इन इलाकों में किसान अब बेधड़क केसर का उत्पादन कर रहे हैं जिसकी कीमत करीब 3 लाख 25 हजार रुपए प्रति किलो है।
पाल ने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर का विकास हुआ है। जिस राज्य में जुलूस प्रदर्शन को लेकर शटर बंद हो जाते थे, महीनों दुकानें बंद रहती थी, वहां अब रात 10 बजे तक बाजार गुलजार रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस केंद्रशासित प्रदेश में बिजली की खपत और आपूर्ति बढ़ी है।
उन्होंने 2 दशक से अधिक समय बाद इस साल मुहर्रम के जुलूस निकाले जाने का जिक्र करते हुए कहा कि पहले लोग घरों में बंद रहते थे, जुलूस नहीं निकाल सकते थे, अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को उन्हें भूल जाना पड़ा था, लेकिन अब यह बंदिश समाप्त हो चुकी है।