अपने बयान के लिए अखिलेश ने अर्थशास्त्रियों का हवाला दिया है। हालांकि, फिर उन्होंने साथ में कहा कि वह काले धन के खिलाफ हैं। अखिलेश भाजपा पर निशाना साधते हुए यह भी बोले कि इस सरकार ने जनता को दुख दिया, परेशानी दी है, जो सरकार जनता को दुख देती है, जनता उसे हटा देती है।
गौरतलतब है कि नोट बंदी से उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे अधिकतर सपा और बसपा के नेता समदे में हैं। आठ नवंबर आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाने के बाद समाजवादी पार्टी के सात ही बसपा और कांग्रेस भी इस फैसले के खिलाफ हैं। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि राजनीतिज्ञों के पास ही सबसे ज्यादा काला धन है तो निश्चित ही उनके लिए यह फैसला सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ही है।