अक्षय तृतीया पर शादियों की भरमार है, वहीं कैश की किल्लत ने शादी वाले घरों की मुश्किल बढ़ा दी है। यह एक ऐसा मौका होता है जिसके लिए व्यक्ति सालों पैसा इकट्ठा करता है। जब किसी की शादी होती है तो कपड़े, गहने, खाने आदि पर काफी खर्च होता है। हालांकि कैश की किल्लत ने इस बार शादियों के उल्लास पर पानी फेर दिया है। एक बार फिर लोगों को 2016 की नोटबंदी की याद ताजा हो गई है।
उन लोगों की हालत ज्यादा खराब है जिनके यहां बेटियों की शादी है। एक लड़की के पिता ने बताया कि बारात सिर पर खड़ी है और उसके स्वागत के लिए पैसे ही नहीं है। एक लड़की के पिता ने बताया कि मोदी सरकार की बात मानकर ज्यादा कैश भी नहीं रखा था। सोचा जितनी जरूरत है उतना ही निकालो। जब जरूरत होगी तो और निकाल लेंगे। जब एटीएम से निराशा हाथ लगी तो रिश्तेदारों से मदद मांगी। अब किसी तरह पैसों का इंतजाम कर काम चला रहे हैं।
यूपी, राजस्थान, बिहार, एमपी, गुजरात और महाराष्ट्र आदि राज्यों में अक्षय तृतीया पर बगैर मुर्हूत की शादी की जाती है। इस बार नकदी की कमी से शादी का मजा तो खराब कर ही दिया है।