12 राज्यों तक पहुंचा नकदी संकट, हरकत में आई सरकार

बुधवार, 18 अप्रैल 2018 (08:23 IST)
नई दिल्ली। देश के 12 राज्यों में नकदी की कमी से लोग परेशान है। शादियों के सीजन में जब लोगों को नकद की ज्यादा जरूरत है, पैसों की तंगी ने परेशानी में और इजाफा किया है। स्थिति में सुधार के लिए सरकार को तुरंत हरकत में आना पड़ा और उसने नकदी उपलब्ध कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया।
 
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक समेत 12 राज्यों में नकदी की मांग में आई असामान्य तेजी से निकासी बढ़ने के कारण एटीएम खाली हो गए। हालांकि सरकार का दावा है कि सिर्फ छह राज्यों में नकदी का संकट है। 
 
सरकार का कहना है कि उसका संदेह है कि 2,000 रुपए के नोट की जमाखोरी की जा रही है। इसे देखते हुए उसने 500 रुपए के नोट की छपाई पांच गुना बढ़ाने की योजना बनाई है। सरकार ने कहा है कि एक माह के भीतर 70,000 से 75,000 करोड़ रुपए की छपाई कर ली जाएगी। 
 
उधर, रिजर्व बैंक ने कहा है कि कुछ स्थानों पर नकदी की कमी मुद्रा पहुंचाने की सुविधाओं से जुड़े मुद्दों की वजह से हो सकती है। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि सभी चार नोट मुद्रण कारखानों में काम तेज कर दिया गया है।
 
कई राज्यों में सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्र के बैंकों के एटीएम काम नहीं कर रहे थे। उनमें नकदी नहीं का संकेत दिखाया जा रहा था। हालांकि, अधिकारियों ने जोर देते हुये कहा कि ऐसी कोई घबराने वाली स्थिति नहीं है।
 
उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न शहरों में नकदी की तंगी का असर देखा गया।
 
राजनीतिक मोर्चे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एटीएम खाली होना एक बार फिर से नोटबंदी के दिनों की याद दिलाता है। 
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि बैंक ग्राहकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि समस्या का हल जल्द ही कर लिया जायेगा। अधिकारियों ने नकदी की तंगी को अनाज की खरीद से जोड़ा साथ ही कर्नाटक चुनाव से पहले बड़े नोटों की जमाखोरी होने की तरफ भी इशारा किया। 
 
जेटली ने कहा कि उन्होंने देश में मुद्रा की उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा की है। सरकार बैंकों और रिजर्व बैंक में मुद्रा की उपयुक्त आपूर्ति को लेकर जांच - परख कर रही है। 
 
वित्त मंत्रालय की आज जारी विज्ञप्ति में नकदी की तंगी की रिपोर्टों की पुष्टि की गई है। इसमें कहा गया है, ' पिछले तीन माह के दौरान देश में नकदी की मांग में असामान्य तेजी आई है।'
 
मंत्रालय ने कहा है कि अप्रैल के शुरुआती 13 दिन में मुद्रा आपूर्ति में 45,000 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार के कुल हिस्सों में मांग में असामान्य तेजी देखी गई है।' 
 
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने कहा है कि रिजर्व बैंक नकदी की तंगी से निपटने के लिए 500 रुपए के नोट की छपाई को पांच गुना बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपए प्रतिदिन करेगा। इस प्रकार एक महीने में हम 70,000 से 75,000 करोड़ रुपए के नोट छाप लेंगे। इससे आपको भरोसा हो जाएगा कि हम बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयारी में हैं। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार को संदेह है कि 2,000 रुपए के नोट को जमा किया जा रहा है, क्योंकि ये नोट वापस बैंकों में नहीं लोट रहे हैं। ऐसी भी धारणा है कि भविष्य में मुद्रा की कमी हो सकती है इसलिये लोगों ने अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया इससे भी तंगी बढ़ी है। 
 
गर्ग ने कहा, 'हमारे पास मुद्रा का उपयुक्त भंडार है। वर्तमान में स्टाक में करीब दो लाख करीड़ रुपए की मुद्रा है और यह भंडार मांग में आई असामान्य तेजी को पूरा करने के लिए काफी है।' 
 
उन्होंने कहा कि किसी को भी इस बात को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है कि सरकारी अथवा निजी क्षेत्र का कोई बैंक खतरे में है। हमारी बैंकिंग पूरी तरह से सुरक्षित है और लोगों को अपनी जमा पूंजी इनमें रखने में किसी तरह की कोई शंका नहीं होनी चाहिए। 
 
वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि सरकार ने समस्या के निदान के लिये एक समिति बनाई है। दो - तीन दिन में समस्या का निदान कर लिया जायेगा। 
 
रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में मुद्रा प्रसार नोटबंदी से पूर्व के स्तर 17 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। सरकार ने कहा है कि हमारे पास करेंसी नोटों का उपयुक्त भंडार है। 500 रुपए, 200 रुपए और 100 रुपए सहित सभी मूल्य के नोटों का काफी भंडार उपलब्ध है।

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