नई दिल्ली। all party meeting on Manipur violence : मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच 3 मई को भड़की हिंसा में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और 3000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह (कांग्रेस), तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, मेघालय के मुख्यमंत्री एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कोनराड संगमा, शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) नेता एम. थंबी दुरई, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता तिरुचि शिवा, बीजू जनता दल (बीजद) के नेता पिनाकी मिश्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा शामिल हुए।
बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, नित्यानंद राय और अजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका भी शामिल हुए।
तुरंत लें मुख्यमंत्री का इस्तीफा : कांग्रेस ने कांग्रेस ने मणिपुर के विषय पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक को औपचारिकता करार देते हुए शनिवार को कहा कि केंद्र को प्रदेश में शांति बहाली के लिए गंभीर पहल करनी चाहिए और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का तत्काल इस्तीफा लिया जाना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले पर चुप्पी तोड़नी चाहिए।
रमेश ने कहा कि बीरेन सिंह जब तक मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक शांति और सद्भाव का रास्ता नहीं निकल सकता है। इसलिए, प्रधानमंत्री तत्काल मुख्यमंत्री का इस्तीफा लें। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि वह स्थिति को संभाल नहीं पाए।